पढ़ना लिखनाआता है। हिंदी,अंग्रेजी,पंजाबी और उर्दू की काम चलाऊ जानकारी है।
दो जून की रोटी कोई घी-शक्कर संग खाता है कोई सूखी ही चबाता है। दो जून की रोटी कोई घी-शक्कर संग खाता है कोई सूखी ही चबाता है।
शहर में दम-सा घुटने लगा है, आओ!चलें अब गांव की ओर। शहर में दम-सा घुटने लगा है, आओ!चलें अब गांव की ओर।
जब मैं छोटा बच्चा था घर में सबसे अच्छा था। जब मैं छोटा बच्चा था घर में सबसे अच्छा था।
नेता मतदाता के द्वार, जुमले वायदे दुश्मनी नेता मतदाता के द्वार, जुमले वायदे दुश्मनी
अब कुछ और खोने का डर नही, जो कभी कहने को था मेरा। अब कुछ और खोने का डर नही, जो कभी कहने को था मेरा।
विश्वविद्यालय ने निखार ला दिया जीवन जीने का हुनर सिखा दिया। विश्वविद्यालय ने निखार ला दिया जीवन जीने का हुनर सिखा दिया।
परिवार के हर दुख-दर्द का पास पिता के मरहम होता है। परिवार के हर दुख-दर्द का पास पिता के मरहम होता है।
उधम सिंह फोटो काटकर, जेब में ली सरका। राम मोहम्मद सिंह आजाद, बाजू पे खुनवा। उधम सिंह फोटो काटकर, जेब में ली सरका। राम मोहम्मद सिंह आजाद, बाजू पे खुनवा।
कितनी बड़ी लाचारी है, साक्षरता पर निरक्षरता भारी है। कितनी बड़ी लाचारी है, साक्षरता पर निरक्षरता भारी है।
कहा पत्थर से शिल्पकार ने एक दिन कुछ इस तरह l कहा पत्थर से शिल्पकार ने एक दिन कुछ इस तरह l