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इन सबके बीच - तुमसे मिलने की कशिश तीव्रतम और तीव्रतम होती जाती है। इन सबके बीच - तुमसे मिलने की कशिश तीव्रतम और तीव्रतम होती जाती है।
हाट में मोल दर मोल होता रहा, मेरी अपनी चमक फीकी सी रह गई। हाट में मोल दर मोल होता रहा, मेरी अपनी चमक फीकी सी रह गई।
खिला चाँद यूँ लगे गगन में, दूल्हा हो भूतल का, खिला चाँद यूँ लगे गगन में, दूल्हा हो भूतल का,
ऊंचे झरनों से प्रस्फुटित होता प्यारा संगीत , कल-कल करती नदी सुना रही है ,मिलन के गीत। ऊंचे झरनों से प्रस्फुटित होता प्यारा संगीत , कल-कल करती नदी सुना रही है ,मिलन...
इन सबके बीच - तुमसे मिलने की कशिश, तीव्रतम और तीव्रतम होती जाती है। इन सबके बीच - तुमसे मिलने की कशिश, तीव्रतम और तीव्रतम होती जाती है।
अभी से ढाल लो चाहे इसे जिस सांचे में, गीले आटे की तरह है मुन्ना। अभी से ढाल लो चाहे इसे जिस सांचे में, गीले आटे की तरह है मुन्ना।
सभी में झलकता है, कहीं न कहीं, कभी न कभी, अपनी माँ का अटूट-अटूट प्यार।। सभी में झलकता है, कहीं न कहीं, कभी न कभी, अपनी माँ का अटूट-अटूट प्यार।।
चांद तारों सी चमक है तेरी, बात घुंघरू की खनक है तेरी, चांद तारों सी चमक है तेरी, बात घुंघरू की खनक है तेरी,
वेग से प्रवाहित होती नदियों की धारा, जन जन को नवजीवन देता जल, वेग से प्रवाहित होती नदियों की धारा, जन जन को नवजीवन देता जल,
नई धुनें कुछ लाकर नभ से, रच देंगे संगीत नया। नई धुनें कुछ लाकर नभ से, रच देंगे संगीत नया।