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Share with friendsकस्तूरी मृग जैसे तुझको ढूंढा द्वारे द्वारे। ढूंढा हर पल दिन दोपहरी, ढूंढा सांझ सकारे। मालिक मेरा मुझमें व्यापित, रहता साथ हमारे। विश्व प्रकाश गौड़।
हर लम्हा बिखेर जाता है, यादों के अनमोल खजाने को, जरूरत है तो उन्हें समेटने और सहेजने वाले खूबसूरत दिल की। विश्व।