I'm Sudhir and I love to read StoryMirror contents.
सुनाई दे रहा है केवल और केवल तटों का शोक गीत । सुनाई दे रहा है केवल और केवल तटों का शोक गीत ।
समझ ही नहीं पाया फ़लसफ़ा मोहब्बत का। समझ ही नहीं पाया फ़लसफ़ा मोहब्बत का।
समाकर किसी समन्दर में नदी की तरह स्वतंत्र अस्तित्व वाली औरत है वह..। समाकर किसी समन्दर में नदी की तरह स्वतंत्र अस्तित्व वाली औरत है वह....
चेहरा इंसानियत का वो नहीं घबराते हैं देखकर चेहरा इंसानियत का वो नहीं घबराते हैं देखकर
महक नहीं आती शायद इन्हे इंसानी मेहनत और पसीने की महक नहीं आती शायद इन्हे इंसानी मेहनत और पसीने की
घबरा जाता हूं हमेशा देखकर कहीं उठता हुआ धुआँ। घबरा जाता हूं हमेशा देखकर कहीं उठता हुआ धुआँ।
हर बीते लम्हे को बनाकर याद कुछ अपनों के लिए उनकी ज़िंदगी में। हर बीते लम्हे को बनाकर याद कुछ अपनों के लिए उनकी ज़िंदगी में।
अब वे पहचान में भी नहीं आते न ही इच्छा होती है हमारी उन्हें पहचानने की खुद ही वो छूट गए है... अब वे पहचान में भी नहीं आते न ही इच्छा होती है हमारी उन्हें पहचानने की ...
न जाने क्यों दिखता हर चेहरा यहां अनजाने सा हैं शहर में जिंदादिल रहे लोग भी खुदगर्ज़ हो गए हैं न जाने क्यों दिखता हर चेहरा यहां अनजाने सा हैं शहर में जिंदादिल रहे लोग भी खु...
बनाकर याद अपनों के लिए उनकी ज़िंदगी में जानकर भी हर इंसान मुसाफिर है यहाँ बनाकर याद अपनों के लिए उनकी ज़िंदगी में जानकर भी हर इंसान मुसाफिर है य...