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.वाणी ऐसा तीर है, घातक इसकी मार। जन तन मन घायल करे, मन जाए तब हार।। .वाणी ऐसा तीर है, घातक इसकी मार। जन तन मन घायल करे, मन जाए तब हार।।
जैसा आप कर्म करें, वैसा हीं फल पान।। जैसा आप कर्म करें, वैसा हीं फल पान।।
खाए माखन रोज है,तोड़े गगरी जान । राधा का आधार है,नाचे नगरी श्याम।। खाए माखन रोज है,तोड़े गगरी जान । राधा का आधार है,नाचे नगरी श्याम।।
थमी थमी सी श्वास क्यों है थमी थमी सी श्वास क्यों है
क्यों याद करें उसे दुख हीं तो था लम्हा लम्हा वह कट गया। क्यों याद करें उसे दुख हीं तो था लम्हा लम्हा वह कट गया।
सुख दुख का चक्की चला, मानुष रहा न बैल।। सुख दुख का चक्की चला, मानुष रहा न बैल।।
वे गरीब हीं आपनों, पकड़े दुख में हाथ।। वे गरीब हीं आपनों, पकड़े दुख में हाथ।।
जीवन क्षणभंगुर कहे,जिलो मिलकर साथ।। जीवन क्षणभंगुर कहे,जिलो मिलकर साथ।।
प्रेम के लिए है समर्पित श्रम का गीत गा रहा प्रेम के लिए है समर्पित श्रम का गीत गा रहा
शिक्षा बिना रहे क्यों आधा चलो स्कूल चले। शिक्षा बिना रहे क्यों आधा चलो स्कूल चले।