Kanchan Pandey
Literary Colonel
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तन्हा तन्हा मैं रही तन्हा रहा मेरा मन जब एक दूजे से मिले तन्हाई हो गई कम कंचन पाण्डेय

घमंड ज्ञान को बाधित कर देती है और हम अपने पथ से विचलित हो जाते हैं कंचन पाण्डेय

समय से बड़ा कोई गुरु नही होता है क्योंकि प्रत्येक पल एक सीख देकर जाती है। कंचन पाण्डेय

कहते हैं औलाद आईना होते हैं इसलिए सम्भल जाओ यारों क्योंकि जैसा करोगे वैसा देखोगे। कंचन पाण्डेय

रिश्ते को अवसर के रूप में ना लें इसे धैर्य प्रेम विश्वास और सहनशीलता की पानी से सींचें। कंचन पाण्डेय

रिश्ते को अवसर के रूप में ना लें इसे धैर्य प्रेम विश्वास और सहनशीलता की पानी से सींचें। कंचन पाण्डेय

रिश्ते को अवसर के रूप में ना लें इसे धैर्य प्रेम विश्वास और सहनशीलता की पानी से सींचें। कंचन पाण्डेय

घोर निन्द्रा से जागना हीं मुक्ती है। कंचन पाण्डेय

मेरे कब्र पर आंसू मत बहाना,। बहुत सैलाब देखें हैं ज़िन्दगी ने हो सके तो मुस्कुराहटों के दो फूल बिखेर आना तब शायद निजात मिले सफर आखरी में कंचन पाण्डेय


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