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बेटे ने लिहाफ़ से निकाला मुंह बाहर, आज फिर जीत गयी ममता। बेटे ने लिहाफ़ से निकाला मुंह बाहर, आज फिर जीत गयी ममता।
मेरे बेटे कमर कस ले अब तुझको सीमा पर आना है.... मेरे बेटे कमर कस ले अब तुझको सीमा पर आना है....
निःशब्द यही शून्य प्रेम का सोपान है. निःशब्द यही शून्य प्रेम का सोपान है.
अच्छे लगते हैं मुझे इतिहास के शहर। अच्छे लगते हैं मुझे इतिहास के शहर।
हर शाम चौराहें दुल्हन की तरह सजते थे जहाँ इंसानों के कह्कहे गूंजते थे। हर शाम चौराहें दुल्हन की तरह सजते थे जहाँ इंसानों के कह्कहे गूंजते थे।
करने को एक मुलाकात मेरी डायरी के पन्नों से तन्हा लम्हों में। करने को एक मुलाकात मेरी डायरी के पन्नों से तन्हा लम्हों में।
फिर फूली सरसों भाव विभोर कर गई फिर फूली सरसों भाव विभोर कर गई
मैं जब शब्दों को इकठ्ठा कर संजो संजो कर सोच विचार कर लिखती हूँ। मैं जब शब्दों को इकठ्ठा कर संजो संजो कर सोच विचार कर लिखती हूँ।
कभी कभी घायल हो जाती हूँ मैं जब जब चोरी हो जाती हूँ मैं...... कभी कभी घायल हो जाती हूँ मैं जब जब चोरी हो जाती हूँ मैं......
नारी हूं, स्थापित हूं स्वयंसिद्धा मैं आज की नारी।। नारी हूं, स्थापित हूं स्वयंसिद्धा मैं आज की नारी।।