I'm Brahmwati and I love to read StoryMirror contents.
यह जिंदगी लम्हा लम्हा मुझे मेरा वजूद याद दिलाती रही दिलाती रही। यह जिंदगी लम्हा लम्हा मुझे मेरा वजूद याद दिलाती रही दिलाती रही।
अब खोल दो परों को यह जमाना पंखों की परवाज देखता है। अब खोल दो परों को यह जमाना पंखों की परवाज देखता है।
एक एक मोती है, अनमोल खुद भी पहन लीजिए। दूसरों को भी पहनाइए। एक एक मोती है, अनमोल खुद भी पहन लीजिए। दूसरों को भी पहनाइए।
होली होली होली आकर फिर चली भी गई, ना कोई हंसी ना कोई हुई ठिटोली। होली होली होली आकर फिर चली भी गई, ना कोई हंसी ना कोई हुई ठिटोली।
आपकी मुस्कान यूं ही सलामत रहे खिल खिलाते रहे फूलों की तरह तो दूसरों को भी हंसाना होगा। आपकी मुस्कान यूं ही सलामत रहे खिल खिलाते रहे फूलों की तरह तो दूसरों को भी हंस...
द्वार देहरी प्रतिदिन बुहारती, अभावों से जूझती पीड़ाओं से खेलती द्वार देहरी प्रतिदिन बुहारती, अभावों से जूझती पीड़ाओं से खेलती
जब बजती है ,दूर कहीं शहनाई, जख्म नासूर बन कसकने लगते हैं। जब बजती है ,दूर कहीं शहनाई, जख्म नासूर बन कसकने लगते हैं।
जख्म नासूर बन कसकने लगते हैं। जख्म नासूर बन कसकने लगते हैं।
बरखा की यह शीतल बूंदें, मेरे अंतस को क्यों भिगो रही हैं। बरखा की यह शीतल बूंदें, मेरे अंतस को क्यों भिगो रही हैं।
कोयल की कुहु कुहु से फिर संगीतमय होगा यह संसार। कोयल की कुहु कुहु से फिर संगीतमय होगा यह संसार।