writer , poet and a traveller
सबने कभी ना कभी गलत किया दुनिया है यहाँ कोई दूध का धूला नहीं। सबने कभी ना कभी गलत किया दुनिया है यहाँ कोई दूध का धूला नहीं।
अगर जिन्दगी किताब होती झांक लेते कोरे पन्नों को। अगर जिन्दगी किताब होती झांक लेते कोरे पन्नों को।
दीपों से सजा मेरा घर , पूरा मुहल्ला दीपों का शहर। दीपों से सजा मेरा घर , पूरा मुहल्ला दीपों का शहर।
जब भी आंखों से, आंसू के मोती गालों से होकर गिरते है, ख्वाबों की माला पिरोती हूँ , जब भी आंखों से, आंसू के मोती गालों से होकर गिरते है, ख्वाबों की माला पिरोती हूँ ...
न सारी इतनी बीमारी! न शारीरिक न दिमागी थी न सारी इतनी बीमारी! न शारीरिक न दिमागी थी
छत की सरजमी भी बड़ी प्यारी है जनाब, दिखाती है नजरों को दिन में ख्वाब। छत की सरजमी भी बड़ी प्यारी है जनाब, दिखाती है नजरों को दिन में ख्वाब।