मैं विजय हूं लोग पाना चाहते हैं, मुझको पाकर खिलखिलाना चाहते हैं।
जलते हुए श-हर में सिसकती रही हया मरती रही मुहब्बत मिटती रही हया। जलते हुए श-हर में सिसकती रही हया मरती रही मुहब्बत मिटती रही हया।
कितना आसां था तेरे हिज़्र में मरना जानां फिर भी इक उम्र में तनवीर से बातें की है। कितना आसां था तेरे हिज़्र में मरना जानां फिर भी इक उम्र में तनवीर से बातें की...
हम भी क्या जिंदगी गुजार गए दिल की बाजी लगी तो हार गए। हम भी क्या जिंदगी गुजार गए दिल की बाजी लगी तो हार गए।
ज़ख़्म झेले दाग भी खाए 'विशू' लग़्ज़िशें नाकामियां अच्छी नहीं। ज़ख़्म झेले दाग भी खाए 'विशू' लग़्ज़िशें नाकामियां अच्छी नहीं।
खींच केश खण्ड को झटक मही पे डाल दी, प्रकट हुए दो रुद्र अंश पर विध्वंस भार डाल दी खींच केश खण्ड को झटक मही पे डाल दी, प्रकट हुए दो रुद्र अंश पर विध्वंस भार डाल...
मज़हब के नव बाजारों में नफ़रत के दुकान सजाएं। मज़हब के नव बाजारों में नफ़रत के दुकान सजाएं।
हिन्द की धरा की तो पहचान है हिन्दी। हर भारतीय के लिए इक शान है हिन्दी। हिन्द की धरा की तो पहचान है हिन्दी। हर भारतीय के लिए इक शान है हिन्दी।
भाई 'विशू' को दुश्मन से प्यार हो गया है। भाई 'विशू' को दुश्मन से प्यार हो गया है।
भारती के नाम पर कुछ कर गुजरना चाहिए। ये धरा भारत यहां पर वेद पढ़ना चाहिए। भारती के नाम पर कुछ कर गुजरना चाहिए। ये धरा भारत यहां पर वेद पढ़ना चाहिए।
प्यास बुझती ही नहीं दिल की 'विशु' आखिरी जाम पिलाएं किसको। प्यास बुझती ही नहीं दिल की 'विशु' आखिरी जाम पिलाएं किसको।