I'm Vijay and I love to read StoryMirror contents.
मेरी कविता तुम बन जाओ इतना बस कर दो उपकार मेरी कविता तुम बन जाओ इतना बस कर दो उपकार
इंसानियत का रिश्ता निभाने का वक़्त है हर भूखे को रोटी खिलाने का वक़्त है..।। इंसानियत का रिश्ता निभाने का वक़्त है हर भूखे को रोटी खिलाने का वक़्त है....
सिसक रहे हैं सपनें सबके आज के हालात से बेबस जीवन हुआ आज है कोरोना की मार से..।। सिसक रहे हैं सपनें सबके आज के हालात से बेबस जीवन हुआ आज है कोरोना की मार से.....
अपना हर सुख मैं दे दूंगा अपना हर सुख मैं दे दूंगा
जाने कैसे अब खुद को मनाऊंगा मैं..। मनाऊंगा मैं..। जाने कैसे अब खुद को मनाऊंगा मैं..। मनाऊंगा मैं..।
कभी उत्तीर्ण हो जाऊँ यही है कामना मन की कभी उत्तीर्ण हो जाऊँ यही है कामना मन की
वही पुरानी पाती पढ़कर अब भी खुद को समझाता हूँ जो तुमने लिखकर भेजा था। वही पुरानी पाती पढ़कर अब भी खुद को समझाता हूँ जो तुमने लिखकर भेजा था।
पर्यावरण बचा लो मिलकर। पर्यावरण बचा लो मिलकर।
चार दिनों से बंद हैं घर में इस पल कोई साथ नहीं कैसी ये विपदा आई है। चार दिनों से बंद हैं घर में इस पल कोई साथ नहीं कैसी ये विपदा आई है।
कोरोना का खौफ आजकल हर जीवन पर भारी है कोरोना का खौफ आजकल हर जीवन पर भारी है