I'm Shiwani and I love to read StoryMirror contents.
दिल पे पत्थर रख कर आँखों को बंजर बनाया है वरना आँखों में नमी तो बहुत है दिल पे पत्थर रख कर आँखों को बंजर बनाया है वरना आँखों में नमी तो बहुत है
तुम रामायण के चौपाई प्रिय अब मैं वैदेही की गाथा ! तुम रामायण के चौपाई प्रिय अब मैं वैदेही की गाथा !
मेरे शहर की गलियों में ये अनजाना मोड़ कैसा है जज्बातों के समंदर में ये हिलोर कैसा है मेरे शहर की गलियों में ये अनजाना मोड़ कैसा है जज्बातों के समंदर में ये हिलो...
मेरे तल के अंधेरे में अब दीपक का जलना बाकी है। मेरे तल के अंधेरे में अब दीपक का जलना बाकी है।
भावनाओं की छोर से जन्म लेती है कविता! भावनाओं की छोर से जन्म लेती है कविता!
उन अपनों से बगावत का हुनर कहां से लाऊं ! उन अपनों से बगावत का हुनर कहां से लाऊं !
जितना पास जाती हूँ उतना ही उलझता है ये रहस्य जितना पास जाती हूँ उतना ही उलझता है ये रहस्य
शुष्क से जीवन दिवस में हर दिन नया त्यौहार लिख दूं शब्द की लड़ियां सजा लू या कोई श्रृंगार लिख दूं। शुष्क से जीवन दिवस में हर दिन नया त्यौहार लिख दूं शब्द की लड़ियां सजा लू या कोई...
गुजरे जो कुछ वक्त संगत में तेरे वहीं रेशमी वक्त फिर से गुजारें या फिर छोड़ दें सब वक्त के ही हवाले... गुजरे जो कुछ वक्त संगत में तेरे वहीं रेशमी वक्त फिर से गुजारें या फिर छोड़ दें...
ले रहा है विदा सूरज चूम कर माथा नदी का और संझा देखती है राह फिर अपने शशि का। ले रहा है विदा सूरज चूम कर माथा नदी का और संझा देखती है राह फिर अपने शशि का।