मैं मूलतः प्रेम लिखती हूँ क्यूंकि ईश्वर ने मुझे प्रेम से ही नवाजा है !
वो बेपर्दा आए हैं महफ़िल में काजल हुई आंखों की दिल से अदावत ग़ज़ल। वो बेपर्दा आए हैं महफ़िल में काजल हुई आंखों की दिल से अदावत ग़ज़ल।
एक लड़की जो हिन्दी में मुस्कराती थी ! एक लड़की जो हिन्दी में मुस्कराती थी !
ग़ालिब के रिसाले को पहले पढ़ने के लिए। ग़ालिब के रिसाले को पहले पढ़ने के लिए।
कभी कभी अम्बर का मन हरा होना चाहता है ! कभी कभी अम्बर का मन हरा होना चाहता है !
माँ क्या बुदबुदाती थी नहीं मालूम था माँ क्या बुदबुदाती थी नहीं मालूम था
लड़कियां गुस्से में हो तो बालों को बाँध लेती हैं ! लड़कियां गुस्से में हो तो बालों को बाँध लेती हैं !
वो महीन काजल की लकीर याद आ जाए तब अपना ख्याल रखना वो महीन काजल की लकीर याद आ जाए तब अपना ख्याल रखना
नियति का अहर्निश एक ही अक्ष पर घूर्णन करेगा नियति का अहर्निश एक ही अक्ष पर घूर्णन करेगा
कुछ कविताएं भी कर लेता था.... मैं भी पढ़ने की शौकीन थी बस चल पड़ी हमारी कुछ कविताएं भी कर लेता था.... मैं भी पढ़ने की शौकीन थी बस चल पड़ी हमारी