मन के भावों को शब्दों का रूप देती हूँ।
गुरु ज्ञान बारिश से सभी शंका मिटी। बाँटे सदा वह ज्ञान के मोती खरे॥ गुरु ज्ञान बारिश से सभी शंका मिटी। बाँटे सदा वह ज्ञान के मोती खरे॥
कैसे धर लें धीर, चली प्राणों से प्यारी कैसे धर लें धीर, चली प्राणों से प्यारी
मुस्काएँ अम्बर पर, जब चाँद सितारे। जीवन में खुशियों के, खिले पुष्प सारे। मुस्काएँ अम्बर पर, जब चाँद सितारे। जीवन में खुशियों के, खिले पुष्प सारे।
स्वार्थ का पथ देख, मिले पग पग पर अवनति स्वार्थ का पथ देख, मिले पग पग पर अवनति
चटक रहा धरती का सीना। गर्मी में मुश्किल है जीना चटक रहा धरती का सीना। गर्मी में मुश्किल है जीना
पीली पीली सरसों फूली। भरी बालियाँ झूला झूली। पीली पीली सरसों फूली। भरी बालियाँ झूला झूली।
गुण उत्तम दिखता मनभावन। गुण उत्तम दिखता मनभावन।
टिमटिमाते देख तारे मौन छुपकर रो रहा है। टिमटिमाते देख तारे मौन छुपकर रो रहा है।
जीत रिश्ते हारती तब सिर चढ़ी जब लालसाएं। जीत रिश्ते हारती तब सिर चढ़ी जब लालसाएं।
हाहाकार मचा धरती पर, जीवन संकट में भारी। काल मचाए तांडव जग में। हाहाकार मचा धरती पर, जीवन संकट में भारी। काल मचाए तांडव जग में।