None Anuradha. K,
प्रकृति- पुरुष की इच्छा से जन्मा है मानव, इच्छाओं के जाल में फँसकर हुआ है दानव। प्रकृति- पुरुष की इच्छा से जन्मा है मानव, इच्छाओं के जाल में फँसकर हुआ है दान...
बिन मेरे है न कभी रहा तेरे अस्तित्व, हे नर अस्तित्व बिन है कहाँ तेरे वर्चस्व ? बिन मेरे है न कभी रहा तेरे अस्तित्व, हे नर अस्तित्व बिन है कहाँ तेरे वर्चस्व ...
जन्म से ही प्राप्त है तुझे माँ की ममता। सहोदरा की वात्सल्य की अविरत सरिता। जन्म से ही प्राप्त है तुझे माँ की ममता। सहोदरा की वात्सल्य की अविरत सरिता।
राधा-श्याम सी प्रेम ज्योत लिए, होली आज फिर आयी रे। राधा-श्याम सी प्रेम ज्योत लिए, होली आज फिर आयी रे।
हर घड़ी में नित आभा जगाकर, प्रेम का दीया सदैव जलाओ.... सजना। हर घड़ी में नित आभा जगाकर, प्रेम का दीया सदैव जलाओ.... सजना।
काश्मीर पुरवासिनी शारदे, अंबा सन्मति दे, वरदे। काश्मीर पुरवासिनी शारदे, अंबा सन्मति दे, वरदे।
माह सितम्बर बीत जाए तब, बन जाते सब हिंदी से अनजान। माह सितम्बर बीत जाए तब, बन जाते सब हिंदी से अनजान।
जकड़े हैं माया, मोह – जंजीर, सुत, वित्त, वैभव – प्राचीर। कभी नहीं होंगे ये सब स्थायी, जकड़े हैं माया, मोह – जंजीर, सुत, वित्त, वैभव – प्राचीर। कभी नहीं होंगे ये...
धारा वात्सल्य की नित हर पल बहाती सुयोग से ही है किसी के घर बेटी पलती धारा वात्सल्य की नित हर पल बहाती सुयोग से ही है किसी के घर बेटी पलती
प्रकृति से पाठ सीखेंगे अच्छे बच्चे बन जाएंगे। प्रकृति से पाठ सीखेंगे अच्छे बच्चे बन जाएंगे।