http://hindipoem009.blogspot.com/
पर देखकर के वक्त की चाल मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा पर देखकर के वक्त की चाल मैं चल पड़ा, मैं चल पड़ा
जो आज तुम करते हो, कल फिर वही लौट कर आता है। जो आज तुम करते हो, कल फिर वही लौट कर आता है।
तुम भी अब मेरी बातों का एक अधूरा किस्सा हो। तुम भी अब मेरी बातों का एक अधूरा किस्सा हो।
पर इस आजादी के लिए, सभी को निराश करना चाहता नहीं। पर इस आजादी के लिए, सभी को निराश करना चाहता नहीं।
एक - एक छंद रोज लिखूंगा, एक - एक बंध रोज पढ़ूंगा। एक - एक छंद रोज लिखूंगा, एक - एक बंध रोज पढ़ूंगा।
कभी-कभी बंद निगाहें भी, मन की खिड़की खोलती है। कभी-कभी बंद निगाहें भी, मन की खिड़की खोलती है।
पर समय बीत जाने पर इस पश्याताप का कोई अर्थ नहीं! पर समय बीत जाने पर इस पश्याताप का कोई अर्थ नहीं!
मेरे जीवन के इस शून्य स्थान को, शून्य ही रखने का प्रयास मै करता हूं। मेरे जीवन के इस शून्य स्थान को, शून्य ही रखने का प्रयास मै करता हूं।
उसका यह जीवन भी, इस वसंत से भी ज्यादा प्रमुदित हो। उसका यह जीवन भी, इस वसंत से भी ज्यादा प्रमुदित हो।
आने वाली कठिन समय को भी, मैं सरल बनाता जाता हूँ। आने वाली कठिन समय को भी, मैं सरल बनाता जाता हूँ।