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सब ने रुपया इकट्ठा कर मुझे दिया और रांपी खाली हुई। सब ने रुपया इकट्ठा कर मुझे दिया और रांपी खाली हुई।
खून क्या उबाल लेगा, जब अपना उबाल लेते हैं रिश्ते। खून क्या उबाल लेगा, जब अपना उबाल लेते हैं रिश्ते।
बैठे जो है ड्योढ़ी पर रात जल्दी सो जाते हैं बैठे जो है ड्योढ़ी पर रात जल्दी सो जाते हैं
सारी दुकानें ताला बंद, खुलने की आस लगाए हैं सारी दुकानें ताला बंद, खुलने की आस लगाए हैं
आज खुल गई मधुशाला हो गया सुन मैं मतवाला। आज खुल गई मधुशाला हो गया सुन मैं मतवाला।
होश आने पर सभाला खुद - को खुद - से, आपकी चाहा में यह परेशानी हुई - हुई है। होश आने पर सभाला खुद - को खुद - से, आपकी चाहा में यह परेशानी हुई - हुई है।
इन सब के बदलाव में, मैंने कुछ लोगों को सभ्यता छोड़ते देखा है ! इन सब के बदलाव में, मैंने कुछ लोगों को सभ्यता छोड़ते देखा है !
मेरा तुम्हारा प्यार सात्विक नहीं, जिसे मैं राधा-कृष्ण का नाम दे सकूं। मेरा तुम्हारा प्यार सात्विक नहीं, जिसे मैं राधा-कृष्ण का नाम दे सकूं।
यह सब कह कर भी, यह मत समझना, मैं नारी लाचार हूं मैं नारी, मैं नारी हूं। यह सब कह कर भी, यह मत समझना, मैं नारी लाचार हूं मैं नारी, मैं नारी हूं।