योग साधना सभा (छत्तीसगढ़)-अध्यक्ष केंद्रीय रेलवे कर्मचारी,
कि इंसानियत लहुलुहान हो गई इंसानी जात पर। कि इंसानियत लहुलुहान हो गई इंसानी जात पर।
हम उसी बाज़ार में देखो आज शिरकत कर रहे हैं । हम उसी बाज़ार में देखो आज शिरकत कर रहे हैं ।
सुधर्म न्याय में अभी प्रबुद्ध बुद्ध ना रहे। मिलावटें सर्वत्र रक्त-रक्त शुद्ध ना रहे।। सुधर्म न्याय में अभी प्रबुद्ध बुद्ध ना रहे। मिलावटें सर्वत्र रक्त-रक्त शुद्ध ...
अपने को कमजोर न समझो मरते मरते यही सिखाई थी।। अपने को कमजोर न समझो मरते मरते यही सिखाई थी।।
नमामि मात अंगिका,प्रखण्ड खण्ड-खण्डिका । नमामि मात अंगिका,प्रखण्ड खण्ड-खण्डिका ।
अशब्द वो कुभाव युक्त पेज को हि फाड़ दो । भरे घड़ा कुपाप जो वही घड़ा लताड़ दो ।। अशब्द वो कुभाव युक्त पेज को हि फाड़ दो । भरे घड़ा कुपाप जो वही घड़ा लताड़ दो ...
सदा बहाव रक्त में जमाव हो असत्य का । घिराव घेर व्यूह में घुमाव हो असत्य का ।। सदा बहाव रक्त में जमाव हो असत्य का । घिराव घेर व्यूह में घुमाव हो असत्य का ।।
बहन आत्म तो फिर पूरा शरीर मैं हूॅं । आज दुनिया का सबसे अमीर मैं हूॅं।। बहन आत्म तो फिर पूरा शरीर मैं हूॅं । आज दुनिया का सबसे अमीर मैं हूॅं।।
मधुर-मधुर मधु पान कराए, मनमोहन की बजती मुरलिया मधुर-मधुर मधु पान कराए, मनमोहन की बजती मुरलिया
घमंडी सभी हो गए हैं सुनो, मुझे आज कोई सफाई न दे। घमंडी सभी हो गए हैं सुनो, मुझे आज कोई सफाई न दे।