हिन्दी पुस्तक लेखक।पर्यावरणविद।सामाजिक कार्यकर्ता।पब्लिक फिगर।आरटीआई कार्यकर्ता। सामाजिक राजनीतिकआर्थिकी विश्व घटनाओं पर रूचि कर लेखन कई साहित्यिक मंचों से जुड़े हैं।
प्रित लिखो तो सीता जैसी मिलन लिखो कृष्ण सुदामा सा प्रित लिखो तो सीता जैसी मिलन लिखो कृष्ण सुदामा सा
प्रिय जनों यदि रिश्ता तोड़ रहे हो। कभी सोचा है कि फ़िर ऐसा मिले।। प्रिय जनों यदि रिश्ता तोड़ रहे हो। कभी सोचा है कि फ़िर ऐसा मिले।।
मित्रता की यूं परख परीक्षा ना लें। मित्र सुख-दुख में साथ खड़े होंगे हम।। मित्रता की यूं परख परीक्षा ना लें। मित्र सुख-दुख में साथ खड़े होंगे हम।।
तुझसे कितना जलते होंगे,जमाने वाले l कितनी बार गिरे होंगे तुझे,हराने वाले।। तुझसे कितना जलते होंगे,जमाने वाले l कितनी बार गिरे होंगे तुझे,हराने वाले।।
दुनियां का जन्म मृत्यु दाता हैं कोई जरूर एक पालनहार।। दुनियां का जन्म मृत्यु दाता हैं कोई जरूर एक पालनहार।।
सावण भाद्रवा घणो भारी बरसेला मेह। सावण भाद्रवा घणो भारी बरसेला मेह।
मेह कहई देखि चालाकी समझते ना लागे भाहर भूल के चालाक बचे नी। मेह कहई देखि चालाकी समझते ना लागे भाहर भूल के चालाक बचे नी।
आंखों देखी कानां सूणी अबे जद ऐ बातें हुई बैनामी। आंखों देखी कानां सूणी अबे जद ऐ बातें हुई बैनामी।
नारा भूले जय श्री राम हो गया काम कांग्रेस हे जय श्री राम हो गया काम नारा भूले जय श्री राम हो गया काम कांग्रेस हे जय श्री राम हो गया काम
जिंदगी में हमने खुब थपेड़े झैले हैं पर ना कोई शिकवा शिकायत है।। जिंदगी में हमने खुब थपेड़े झैले हैं पर ना कोई शिकवा शिकायत है।।