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फाल्गुन चंद्र दूधिया चमचम सूरज चैत का नव सुर सरगम फाल्गुन चंद्र दूधिया चमचम सूरज चैत का नव सुर सरगम
कुछ दिन अब तुम मौन हो जाओ मैं साँसें लूँ बस चुप हो जाओ। कुछ दिन अब तुम मौन हो जाओ मैं साँसें लूँ बस चुप हो जाओ।
दुराचारी अब कोई जो तेरे तन को देख लेगा, मौत मुख पर भय में चीखे तेरे वारों को सहेगा। खून उसका ... दुराचारी अब कोई जो तेरे तन को देख लेगा, मौत मुख पर भय में चीखे तेरे वारों को ...
भावो को कुछ ताव और मुंह पर आँखें चौड़ी हमको भी सजाकर तेरी मेरी जोड़ी एक खेल शिकार साथ में हम भ... भावो को कुछ ताव और मुंह पर आँखें चौड़ी हमको भी सजाकर तेरी मेरी जोड़ी एक खे...
जिसके लिये यह आस धरे हैं एक वहीं जो बन बलवान दुनिया की जो धार तेज़ पर कर पायेगा महाबलिदान जिसके लिये यह आस धरे हैं एक वहीं जो बन बलवान दुनिया की जो धार तेज़ पर ...
किन तालों का निर्माण कर किन जीवों को तू धारण कर किन लघु कणों को बहाकर किन हिम खण्डों से ... किन तालों का निर्माण कर किन जीवों को तू धारण कर किन लघु कणों को बहाकर ...
इतने अंगारों में भी मुखड़े पर मुस्कान है भीड़ इतनी बढ़ती रहती फिर भी सबका ध्यान है इतने अंगारों में भी मुखड़े पर मुस्कान है भीड़ इतनी बढ़ती रहती फिर भी सब...
तुझे देख उठते हिल खिलते पेड पौध नव राग में लिपटे बूँद बूँद छूती तुझसे जो झुण्ड के झुण्ड उन्... तुझे देख उठते हिल खिलते पेड पौध नव राग में लिपटे बूँद बूँद छूती तुझसे जो ...
बहुरूपिये तिरछी टोपी धारी इन नक्कालों ने बैठ शान से शहंशाह बनकर कितने ही कंकालों पे मिलकर इसने... बहुरूपिये तिरछी टोपी धारी इन नक्कालों ने बैठ शान से शहंशाह बनकर कितने ही कंका...
छलनी हो होकर फिर से क्यों आखिर दुःख को पीता इन पिछली पहेलियों से अपना ही चैन तो छिनता छलनी हो होकर फिर से क्यों आखिर दुःख को पीता इन पिछली पहेलियों से अपना...