प्रेम सी कविता मैं.. शब्द मेरे संस्कार। आंखों में समा जाऊँ.. जो पढ़ो मुझे एक बार।।
शीतल चांदनी की चमक जुगनू संग फैलाता चलूँ.. शीतल चांदनी की चमक जुगनू संग फैलाता चलूँ..
विश्व पटल फिर नया पहचान होगा भारत का युवा से भारत का शान होगा। विश्व पटल फिर नया पहचान होगा भारत का युवा से भारत का शान होगा।
समंदर भी भरा होगा इंसानियत के मिटने पर। समंदर भी भरा होगा इंसानियत के मिटने पर।
टूटती डालें भारी फल गुच्छेदार भरे बाजार मस्ती के झूम में टूटती डालें भारी फल गुच्छेदार भरे बाजार मस्ती के झूम में
बांहों में एक सिहरन सी, पास आने की किसी की आस हो जैसे। बांहों में एक सिहरन सी, पास आने की किसी की आस हो जैसे।
गरीबी की व्यथा धूल में लोट रहा अमीरी का घमंड उच्च कोटि है गरीबी की व्यथा धूल में लोट रहा अमीरी का घमंड उच्च कोटि है
दरिया पार हो कश्ती कागज के स्वयं के अंदर ढूंढे मन निज के। दरिया पार हो कश्ती कागज के स्वयं के अंदर ढूंढे मन निज के।
नन्ही-नन्ही क़दमों से, विद्या भूमि पावन हो गयी।। नन्ही-नन्ही क़दमों से, विद्या भूमि पावन हो गयी।।
बागों में जहाँ हरियाली हो, नाच रही कोई मतवाली हो। बागों में जहाँ हरियाली हो, नाच रही कोई मतवाली हो।
मातृभूमि की वरदान महाराणा॥१॥ भारतभूमि की शान महाराणा॥२॥ मातृभूमि की वरदान महाराणा॥१॥ भारतभूमि की शान महाराणा॥२॥