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आज सुबह काफी ठंड़ थी , कोहरे ने पेड़ों का आश्रय लिया था। आज सुबह काफी ठंड़ थी , कोहरे ने पेड़ों का आश्रय लिया था।
तब सरस्वती की प्रिय पुत्री, दुर्गा का प्रतिरूप बन जाती हैं, तब सरस्वती की प्रिय पुत्री, दुर्गा का प्रतिरूप बन जाती हैं,
बड़ी कीमती होती है हंसी, इतने हलके में मत लेना, बड़ी कीमती होती है हंसी, इतने हलके में मत लेना,
बड़ी मुसीबत है, कुछ बोल दो तो वो गुस्से में उबाल खाते हैं, न बोलो तो मुँह चिढ़ाते हैं। बड़ी मुसीबत है, कुछ बोल दो तो वो गुस्से में उबाल खाते हैं, न बोलो तो मुँह ...
क्यों न रुक कर एक पड़ाव पर ही सारे जीवन का आनंद भर लो। क्यों न रुक कर एक पड़ाव पर ही सारे जीवन का आनंद भर लो।
कौन बेवजह बैठ कर , रोज बिसात बिछायेगा कौन बेवजह बैठ कर , रोज बिसात बिछायेगा
जरा तो सम्हालों अपने शहर को, जरा तो सम्हालों अपने शहर को,
क्यों खोज रहे हो, अंधेरे में सुई ? रौशनी ही जरा सा बुलंद कर लो क्यों खोज रहे हो, अंधेरे में सुई ? रौशनी ही जरा सा बुलंद कर लो