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सांस सांस गंध महकी मेरी साजन बाहुपाश में आज। सांस सांस गंध महकी मेरी साजन बाहुपाश में आज।
ऋतुराज ने ली अंगड़ाई सबको प्रेम की अगन लगाई ऋतुराज ने ली अंगड़ाई सबको प्रेम की अगन लगाई
नीला पीला हरा गुलाबी बरस रहा है रंग होली के हुलियारों संग भीग गया अंग अंग । नीला पीला हरा गुलाबी बरस रहा है रंग होली के हुलियारों संग भीग गया अंग अंग ।
फाग आया है निराला तूने कैसा रंग डाला पायल छनक गई मन हुआ मतवाला। फाग आया है निराला तूने कैसा रंग डाला पायल छनक गई मन हुआ मतवाला।
उठ खड़ी हो बन द्रौपदी तू धनुष टनकार कर ! उठ खड़ी हो बन द्रौपदी तू धनुष टनकार कर !
शिश प्रभु ने भी झुकाए जिसके सामने वो फिर भी हर युग में बिखरती ही रही। शिश प्रभु ने भी झुकाए जिसके सामने वो फिर भी हर युग में बिखरती ही रही।
शिशिर छोड़ चला धरा बसंत ने डेरा डाला शिशिर छोड़ चला धरा बसंत ने डेरा डाला
कोई पितामह था उनमें और कोई गुरु महान वहाँ कोई पितामह था उनमें और कोई गुरु महान वहाँ
अब समझी जीवन का सार माँ सच में, दर्पण निहारती छवि मुझे तेरी ही लगी। अब समझी जीवन का सार माँ सच में, दर्पण निहारती छवि मुझे तेरी ही लगी।
हर वक़्त मेरे लिए जो दुआ करती हे वो कोई ओर नही मेरी माँ ही है। हर वक़्त मेरे लिए जो दुआ करती हे वो कोई ओर नही मेरी माँ ही है।