शक के बीज
शक के बीज
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एक छत के नीचे रह रहे, सयुंक्त परिवार में पिछले एक वर्ष से लगातार मौतें हो रही थी। आज फिर एक वृद्ध की मौत हो गयी।
शोक जताने आई एक पड़ोसन बोली, "तुम्हारे घर यह जो नई बहू आयी है, वह छत पर पंछियों को दाना डालती है। पंछी आते हैं, दाना चुगकर उड़ जाते हैं; बसेरा नहीं करते। मैं देख रही हूँ, तभी से तुम्हारा परिवार लगातार उजड़ रहा है।"
परिवार की अन्य महिलाएँ सकते में थी और नई बहू को कतार नज़रों से देखने लगी।