चैट स्टोरी
चैट स्टोरी
हैलो
सुधा - हाय
मनु - कैसी हो ?
सुधा - आपके जैसी नहीं हूं
मनु - क्या मतलब ?
सुधा - वेरी सिम्पल , मैं आपकी तरह खुबसूरत नहीं हूं और ना ही मेरी आंखें ऐसी हैं जिनमें डूब जाने की तमन्ना कोई करें ....।
मनु - बकवास बंद करो। बताओ कैसी हो ? सब ठीक-ठाक हैं न ?
सुधा - जी हां , सब ठीक-ठाक है , कुशल मंगल है। बस मेरी ही खुशियों में ग्रहण लग गया है .....।
मनु - क्यों क्या हुआ ? बताओ तो सही। हुआ क्या ? जल्दी बताओ ?
सुधा - हूं हूं हूं ..........।
मनु - बताओ जल्दी ? बोलो ना ?
सुध - वो मुझसे बात नहीं कर रहें हैं मेरे पास आते भी नहीं है।
मनु- कौन नहीं बात कर रहा है ? कौन नहीं आ रहा है ? बताओ उसका सर कलम कर दूंगा।
सुधा - न .... न ....ही ... इं .....उनको कुछ मत कीजिएगा।
मनु - क्यों भला ? कुछ न करूं ? जिसने तुम्हें परेशान कर रखा है , उसे छोड़ दूं ?
सुधा - जी .....
मनु - नहीं , तुम बताओ मुझे ?
सुधा - वो मेरी जान हैं। और दुनिया जहान में सबसे अधिक प्रिय हैं। उनके लिए तो मैं अपनी जान दे दूंगी लेकिन कोई आंच नहीं आने दूंगी। आप मेरी जान ले लीजिए लेकिन उन्हें कुछ मत बोलिए। प्लीज़ , कुछ मत बोलिए
मनु - कौन है वो गधा , कुत्ता , कमीना , नालायक , उल्लू ..?
सुधा - देखिए , अब चुप हो जाइए नहीं तो मैं गुस्सा हो जाऊंगी। हूं ..... उं ......।
मनु - हो जाओ गुस्सा , लेकिन कमीना को कमीना ही बोलूंगा।
मनु - नौटंकी शुरू ....?
मनु - बस करो , सीधी तरीके से बताती हो कि ब्लाक कर दूं ?
सुधा - एक तो बच्ची को रूला दिया और अब ब्लाक करने धमकी दे रहें हैं ?
मैं रोती ही रहूंगी
शहर में बाढ़ आ जाएगा चारों तरफ पानी पानी पानी ............. फिर आर्मी बुलाई जाएगी। जनता की जान माल की रक्षा के लिए। फिर जब पता चलेगा की मेरे आंसुओं के बरसात से बाढ़ आई है ............ तो ...... तो ......
मनु - तो , तो क्या ?
सुधा - तो एक फौजी मुझे उठाकर ले जाएगा और अपने कब्जे में रखेगा।
मनु - ठीक होगा। वहीं ठीक रहोगी तुम।
सुधा - आपको मेरी चिंता नहीं हो रही है ?
मनु - नहीं , बिल्कुल नहीं।
सुधा - आपको पता है फौजियों के पास बंदूक होता है और बोतल। फौजियों को बस दो चीजों से प्यार होता है एक बंदूक जिसका इस्तेमाल देश की रक्षा के लिए करते हैं और दूसरी बोतल जिससे अपना दिल बहलाते हैं। घर वालों की याद भुलाते है और शरीर का थकान मिटाते हैं। और अगर नशा चढ़ गई तो बंदूक उठाकर मार डालते हैं ......।
मनु - तुम्हें कौन मार सकता है ? जो तुम्हें उठाकर ले जाएगा वो जिंदा बचेगा तब तो तुम्हें मारेगा ?
सुधा - फौजी को कौन मार सकता है ? वो तो बिना हथियार के भी कत्ल कर सकते हैं। उन्हें ट्रेनिंग मिली रहती है कि अगर दुश्मन के कब्जे में निहत्था हो तो किस तरह गर्दन पर कान के पीछे का नस सहलाते सहलाते बेहोश कर सकता है और उसके बाद वहां से रफ्फूचक्कर हो सकता है और ज़रूरत पड़ने पर उसकी हत्या भी कर सकता है।
मनु - इतनी सारी बकवास बातें कर सकती हो और उस गधे का नाम पता नहीं बता सकती हो ?
सुधा - बता दूंगी लेकिन एक शर्त पर , कि आप उन्हें सिर्फ इतना बोल दीजिएगा कि मुझसे बात किया करें।
मनु - ओके , अब बताओ वो गधा कौन है ?
सुधा - फिर गधा बोलें ? नहीं बताऊंगी।
मनु - अच्छा बाबा , नहीं बोलूंगा
गधा। हां तो अब बताओ उस महानुभाव का नाम जिनसे तुम्हें बात करनी है ?
सुधा - वो ......
मनु - क्या वो ? भारतीय नारी सिर्फ अपने पति का नाम नहीं लेती है लेकिन मुसीबत आने पर जरूर बोलती है। बोलों ?
सुधा - वो सब छोड़िए। आप थोड़ी देर मुझसे बात कीजिए ?
मनु - तो इतनी देर से क्या घास छील रहा हूं ?
मनु - मुझे चिढ़ाया मत करो। ऐसी शक्ल भेजा न करों
मनु - ब्लाक कर दूंगा तुम्हें ये सब अपने पति के लिए संभाल कर रखो। दुनिया में दूसरा कोई इसका हकदार नहीं हैं , समझी यूं ही जाया मत किया करो गैरों के लिए। ब्लाक कर दूंगा अभी तुंरत ?
सुधा - नहीं नहीं नहीं ....! लीजिए मैंने डिलीट कर दिया।
ये ठीक है ?
मनु - नहीं यह भी नहीं , अभी ब्लाक कर देता हूं ?
सुधा - कितना दुःख देते हैं मुझे ? कितनी भोली भाली प्यारी सी बच्ची हूं। दया नहीं आती है आपको ?
मनु - ओहो भोली भाली बच्ची और तुम .....!
जंगली बिल्ली , शेखचिल्ली , नकचढी , जलकुकड़ी .......... एक नंबर की शरारती बंदरिया ....।
सुधा - अच्छा ठीक है याद रखूंगी मुझे आपने क्या क्या बोला है। छिपकली से कटवा दूंगी , बिस्तर पर खटमल बिछा दूंगी और चूहा भी भेज दूंगी हां ... मुझसे पंगा लिया है न तो छोडूंगी नहीं समझें ?
मनु - अच्छा तो तुमने पकड़ रखा है मुझे ? अरे मैं तुम्हारे कैद में हूं ? और मुझे पता भी नहीं चला ? कमाल हो गया ....!
सुधा - मुझसे बात कीजिए ना , मेरा मन नहीं लग रहा है ?
मनु - वाह , बहुत खूब इतने देर से मेरा भेजा खा रही हो। खून पी लिया सारा। दिमाग खराब कर दिया अब कहती हो बात करूं ????????????
सुधा - हूं , थोड़ी देर रहिए ना मेरे पास ...
मनु - ना बाबा ना। तुम्हारे पास ???????
किसे पागल कुत्ते ने काटा है जो तुम्हारे पास बैठे ? जोंक की तरह चिपक जाती हो और जान लेकर ही छोड़ती हो।
सुधा - अच्छा , तो अब जोंक भी बोल दिया ? कितने सारे खुबसूरत नामों से अलंकृत किया है मुझे वाह शाबाश।
मनु - ठीक है तुम्हें जरूरी बात नहीं बतानी है न ? ठीक है मैं निकल रहा हूं। आज तुम्हारी बकवास बातों में उलझ कर खाना भी नहीं बनाया अब भुखा ही जा रहा हूं। दफ्तर से लौटूंगा तब सारी दुकानें बंद हो चुकी होगी। अच्छा है मेरा एकादशी व्रत हो जाएगा। दिमाग तो खराब कर ही दिया है अब तो पागलखाने में भर्ती हो जाऊंगा तभी तुम्हें खुशी होगी और चैन से रहोगी।
सुधा - प्लीज़ ऐसे मत बोलिए ना। मुझे रूलाई आ रही है ..... मैं तो आपसे ..... आपसे .......!
मनु - क्या आपसे ? बोलो ?
सुधा - कुछ नहीं।
मनु - जल्दी बोलो ? दफ्तर के लिए देरी हो रही है।
सुधा - बाद में बताऊंगी। अभी जल्दी से तैयार हो जाइए खूब सुंदर से तैयार होकर सेल्फ़ी भेजिएगा।
मनु - ओके , बाय।
सुधा - बाय।
रात को 11 बजे हैं
सुधा - कहां हैं ?
सुधा - क्या हुआ ?
सुधा - गुस्सा हैं ?
सुधा - नाराज़ हो गये ?
सुधा - किसी से बात कर रहें हैं ?
सुधा - कोई जरूरी काम कर रहें
हैं ?
सुधा - छुट्टी नहीं हुई ?
सुधा - भुख लगी है ?
सुधा - कुछ नहीं बोलेंगे ?
सुधा - माफ़ कर दीजिए ना ?
सुधा - अब तंग नहीं करूंगी
सुधा - कुछ नहीं बोलूंगी
सुधा - चुपचाप रहूंगी
सुधा - आपकी सब बात मानूँगी
सुधा - पढ़ाई-लिखाई करूंगी
सुधा - अब कोई शैतानी नहीं करूंगी
सुधा - सुधर जाऊंगी
सुधा - एकदम अच्छी बच्ची बन जाऊंगी
सुधा - मुर्गा बन जाऊं ?
सुधा - उठक बैठक करूं ?
सुधा - दीवार में नाक लगा कर खड़ी हो जाऊं ?
सुधा - बोलिए ना ?
सुधा - प्लीज़ , बोलिए ना क्या करूं ?
सुधा - मान जाइए ना ?
सुधा - देखिए , अब मुझे बहुत चिंता हो रही है।
रात के 2 बज रहें हैं
मनु - तुम्हें थोड़ा भी सब्र नहीं है ?
सुधा - थैंक गॉड , आप ठीक तो हैं
मेरे भगवान जी बहुत अच्छे हैं आपको ठीक से रखा। पता है मैं चिंता के मारे मरी जा रही थी। खाना भी नहीं खाया भुखी ही सोना चाह रही थी लेकिन चूहों ने पेट में इतना उद्धम मचाया की सो नहीं सकी ऊपर से आपका मोबाइल का नेट आॅफ था।
मनु - बोलती ही रहोगी की मेरा भी कुछ सुनोगी ?
सुधा - जी हां , बोलिए ना ?
मनु - देखो तुम खाना खा लो और आराम से सो जाओ।
सुधा - आप घर पहुंच कर बताएं क्यों नहीं ? और नेट क्यों आॅफ कर रखें थे ?
मनु- देखो , मैं अभी रास्ते में हूं। कार का एक्सिडेंट हो गया है। अब कैब का इंतजार कर रहा हूं जब मिलेगा तब घर चला जाऊंगा। पहुंच कर मैसेज कर दूंगा लेकिन तुम इंतजार मत करना मैसेज का। सो जाना like a good girl , तुमने कहा था न कि तुम अच्छी बच्ची हो ? तो अच्छे बच्चें जल्दी सो जाते हैं यूं रात के 2 बजे तक जग कर किसी पराए से चैटिंग नहीं करतें।
सुधा - ठीक है सो जाती हूं लेकिन पराया क्यों बोलें ? दुनिया में सिर्फ आप ही तो हैं जो मेरे सबसे ज्यादा अपने हैं और कौन है मेरा ? मम्मी पापा भैया कोई तो नहीं बचा है मुझे देखने के लिए संभालने के लिए और मेरा ख्याल रखने के लिए .......? सब लोग छोड़कर भगवान जी के पास चलें गये।
मनु - मैं हूं न ?
सुधा - जी हां , थैंक्यू। अब चुपचाप सो जाऊंगी। लेकिन घर पहुंच कर मैसेज जरूर कीजियेगा
मनु - ओके , गुडनाईट
सुधा - गुडनाईट
सुधा खाना खाकर सोने के लिए बेड पर आती है और तकिए के नीचे से अपनी डायरी निकाल कर लिखती है एक खत भगवान जी को।