Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nirupama Naik

Children Stories

3  

Nirupama Naik

Children Stories

मोनू का स्कूबी डू

मोनू का स्कूबी डू

3 mins
260


ये कौन रोज़ रोज़ बाइक से पेट्रोल निकाल कर ले जाता है, परेशान कर रखा है, सुबह सुबह यहाँ ऑफिस के लिए देर हो जाती है। गुस्से में बड़बड़ाते हुए हर्ष ऑफिस चला गया। छोटी बहन सिमी उसके पीछे कॉलेज चली गई। मोनू स्कूल की बस में स्कूल के लिए निकल गया और हर्ष की पत्नी विमला अपने काम में व्यस्त हो गई। 

सबकी आदत हो चुकी थी ये रोज़ रोज़ यूँ हर्ष की बाइक से पेट्रोल चोरी होना और उसका गुस्सा सब पे निकलना। एक बार तो मोनू बाइक के पास बॉल लेने चला गया और पापा से डांट पड़ गई। मोनू को बहुत गुस्सा आया। हर बार उसे बेवजह डांट पड़ जाती है।

उसने सोचा अब तो पता लगाना ही पड़ेगा। वरना में ही शिकार होता रहूंगा पापा के गुस्से का।

पर वो कैसे करता ये सब। फ़िर वो टीवी पे जासूसों वाले प्रोग्राम देखने लगा। बुआ ने देखा तो कहा- ये क्या देख रहा है तू? कार्टून देख वरना टीवी बन्द कर। फ़िर वो कार्टून चैनल लगा के चली गई। 

मोनू अब कार्टून देख रहा था। टीवी पे स्कूबी डू आ रहा था। उसने जब देखा के वो कुत्ता( स्कूबी डू) कैसे जासूसी करके अपने साथियों की मदद करता है उसके मन में भी ख़्याल आया कि काश उसके पास भी एक स्कूबी डू होता। ये सोचते हुए वो एक कुत्ते की तलाश में निकल गया। गलियों में, चौबारों में हर जगह तलाश की...यूँ तो बहुत कुत्ते घूम रहे थे लेकिन उसके मन को नहीं भा रहा था कोई। थक कर वो एक दुकान के पास रुका और बिस्कुट खरीद ली। रास्ते में चलते चलते वो बिस्कुट खा रहा था। एक छोटा सा कुत्ता उसके पीछे पीछे आने लगा। उसने उसको टुकड़ों में बिस्कुट तोड़कर देना शुरु किया। ऐसा करते करते वो घर तक आ गया और कुत्ता भी। अब वो रोज़ उस कुत्ते को कुछ न कुछ खाने को देते हुए घर तक ले आता। पर वो वहां रुकता नहीं था। 

मोनू ने सोचा ये बस खा कर ही चला जाता है। रात में भी रुकता तो असली चोर का पता लगाने में मेरी मदद करता। लेकिन ये तो भाग जाता है।

फ़िर उसने चालाकी से उसे अपने गेट के अंदर लाकर लॉक कर दिया और एक प्लास्टिक ड्रम जो फटी हुई थी उसमें कुत्ते तो ढक दिया। कुत्ता बेचारा बाहर निकल नहीं पा रहा था। भौंकता रहा कुछ देर फ़िर चुप हो गया। घर में सबने पूछा उसे क्यों ले आए तो मोनू ने कहा- अरे मम्मी हम सब खेल रहे थे और मेरी गेंद से इस कुत्ते को चोट लग गई। मुझे बहुत बुरा लगा। तो मैं घर ले आया ताकि उसको खाना देकर रख लूं। कल निकाल दूँगा उसे वो चला जाएगा। मम्मी उसे कुछ खाने को डाल देना। ये कहकर मोनू सोने गया।

अचानक मोनू की नींद खुल गई। उसे कुत्ते ही चिंता होने लगी। उसे बुरा लग रहा था। वो कुत्ते को देखने के लिए खिड़की के पास गया और उसने देखा बुआ बाइक से पेट्रोल निकाल कर अपने स्कूटी में भर रही थी। उसने फौरन दरवाज़ा खोला और चिल्लाया बुआ पेट्रोल निकाल रही है पापा जल्दी आओ। 

फ़िर हर्ष और विमला वहाँ पहुंच गए। 

हर्ष की आंखों में गुस्सा नहीं बल्कि कौतूहल की हँसी थी। वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा। कहा- छुटकी में ऐसे ही पापा के स्कूटर से पेट्रोल निकाल कर अपने बाइक में भर लेता था और पापा चिल्लाया करते थे। तुमने ही पकड़ा था मुझे और देखो आज तुम पकड़ी गई वो भी मोनू के हाथों… सब हँसने लग गए।


Rate this content
Log in