कुदरत की होली
कुदरत की होली
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कुदरत खेलती अपनी प्यारी होली
फूल पत्ते और डाली की टोली
सरसों की चादर छायी खेत में पीली
अपराजिता, कमल, कौमुदी है नीली
पलाश ढाक बनाता सिंदूरी लाल बाग़
शानदार नज़ारा जाने जंगल की आग
चंपा चमेली सब से उज्जवल श्वेत
जामुन बदले रंग कैसे लाल से अश्वेत
गुलाब शोभे लाल गुलाबी रंग भरा
अशोक और धनिया पत्ते सुन्दर हरा
केसर चन्दन का रंग बहुत अद्भुत
सुगंध से करे सब को अभिभूत
कुदरत खेलती अपनी प्यारी होली
मत करो नफरत ये प्यार से बोली