इरादे
इरादे
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रिश्ते निभाने से निभते हैं
दोस्त बनाने से बनते हैं
गर हो परिपक्वता विचारों में
रंजो गम कोसों दूर ही रहते हैं
मंजिल अपनी तय है
राह से भी परिचय है
फिर किस बात का गिला शिकवा,
जब इरादे अपने नेक हैं