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बांध सुगरण गगन झरा स्वयंपाक रविकिरणे आक्रोश किनारा अखंड अंधारमय प्रेम जीवन अक्षर इच्छा गुण नाते खेळ वाटा वास सुप्त गुण

Marathi सुप्त Poems