प्रित..
प्रित..
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मनमोहना,
चित्तचकोरा ...!
चोरूनी आलास,
काळजात शिरलास...!
पाहुनी वेळेचे भान
निभवती मी छान....!
जिंदादील मनाचा,
प्रेमाच्या सावलीचा....!
असे मनी ध्यास,
का होतो उदास....!
प्रित ही जुनी,
राहते गं मनी.....!
प्रेमाच्या पंगतीत,
बसते मी तेवत....!
तुझ्याच प्रितीची,
सदोदित वात....!
खुलवूनी प्रकाश,
मनी होते गात...!
फुलांचा सुगंध,
दरवळते प्रेम गीत...!
होऊणी जाऊ दे,
फुलासवे प्रित....!
ठेवणार सदैव,
जिवनाच गित.....!
