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मैत्री
मैत्री
मैत्री
मैत्री
मैत्री असावी
अखंडित बंधन
अर्थ गहन
नातं मैत्रीचं
काळोख हा भेदून
प्रकाशमान
ना उणे दूणे
हास्याचे ते बंधारे
नेहमीचे रे
निःस्वार्थ ॠण
परिपूर्ण हा वसा
श्वास तो जसा
प्रिय मज ही
जिवापाड जपली
मैत्री आपली
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