STORYMIRROR

Mrudula Raje

Others

3  

Mrudula Raje

Others

अभंगवाणी

अभंगवाणी

1 min
261

अभंगवाणी


विठ्ठल विठ्ठल।

मना लागे आस।

चित्ता लागे ध्यास।

भेटीलागी॥


पांडुरंग ध्यानी।

पांडुरंग मनीं।

कशी राहू जनी।

विठूविना॥


वारी पंढरीची।

भेटाया विठुला।

पाहण्या देवाला।

डोळ्यांलागी॥


विठूच्या दर्शना।

चंद्रभागे तीरी।

पंढरीची वारी।

घडो देवा॥


पांडुरंग कृपा।

दिले दर्शनाला।

जीवा हर्ष झाला।

भेटे विठू॥


Rate this content
Log in