कभी अपने हिस्से की रोटियाँ बांटकर भी भूख मिट जाती है कभी अपने हिस्से की रोटियाँ बांटकर भी भूख मिट जाती है
उस लड़की की तरह आंसू और चुप्पी के अलावा और कुछ नहीं बच रहता। उस लड़की की तरह आंसू और चुप्पी के अलावा और कुछ नहीं बच रहता।
दो आखिरी खत जो लिखे गए, लेकिन कभी भेजे नहीं गए, मानों एक दूसरे को कोस रहे हों। नियति इतनी कठोर परीक्... दो आखिरी खत जो लिखे गए, लेकिन कभी भेजे नहीं गए, मानों एक दूसरे को कोस रहे हों। न...
तुम्हारे हिस्से में आया सजा सजाया सुथरा घर उसके हिस्से में आया पाक कौशल तुम्हारे हिस्से में आया स्वा... तुम्हारे हिस्से में आया सजा सजाया सुथरा घर उसके हिस्से में आया पाक कौशल तुम्हारे...
जाह्नवी ने अपने सर पर हाथ रख कसम उठा ली थी । उसके बाद राहुल कभी नहीं दिखा। फेयरवेल पार् जाह्नवी ने अपने सर पर हाथ रख कसम उठा ली थी । उसके बाद राहुल कभी नहीं दिखा। फेयरव...
अगर हर बात के लिए दोषी औरत ही है तो क्यों नवाज़ते हो उसे इतने बड़े बड़े खिताबों से...देवी, अगर हर बात के लिए दोषी औरत ही है तो क्यों नवाज़ते हो उसे इतने बड़े बड़े खिताबों से....