Reading , writng and teaching
उस लड़की की तरह आंसू और चुप्पी के अलावा और कुछ नहीं बच रहता। उस लड़की की तरह आंसू और चुप्पी के अलावा और कुछ नहीं बच रहता।
समय तो ज़रूर गुजरा, लेकिन ठीक कुछ भी नहीं हुआ। उसकी माँ बिना कोई नोटिस दिए अचानक गुजर गई समय तो ज़रूर गुजरा, लेकिन ठीक कुछ भी नहीं हुआ। उसकी माँ बिना कोई नोटिस दिए अचानक...
मुझे तलाकशुदा और अकेला जानकर कितने ही लोगों ने मुझसे संबंध बनाना चाहा, पर मुझ पर सुशांत हावी रहा। दो... मुझे तलाकशुदा और अकेला जानकर कितने ही लोगों ने मुझसे संबंध बनाना चाहा, पर मुझ पर...
क्षमा के बारे में मुझे पहले ही इतना कुछ बता दिया गया था कि मैं भीतर ही भीतर कुछ डरा हुआ सा था। यदि आ... क्षमा के बारे में मुझे पहले ही इतना कुछ बता दिया गया था कि मैं भीतर ही भीतर कुछ ...
धूप ढलते-ढलते उनकी महफिल उठ जाती है। धूप ढलते-ढलते उनकी महफिल उठ जाती है।