ज़िन्दगी अपनी कविता लिखे जा रही है, एक अंतिम अग्नि जले जा रही है..! ज़िन्दगी अपनी कविता लिखे जा रही है, एक अंतिम अग्नि जले जा रही है..!
सृजल तुम यहीं पर रहना कहीं मत जाना, मैं अभी आती हूँ. सृजल तुम यहीं पर रहना कहीं मत जाना, मैं अभी आती हूँ.
इसी बीच न जाने किस तरह मनी को भी कॅरोना का संक्रमण लग गया । इसी बीच न जाने किस तरह मनी को भी कॅरोना का संक्रमण लग गया ।
पहले इस संसार में सब अपने स्तर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास भी करते हैं। पहले इस संसार में सब अपने स्तर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास भी करते हैं।
मूर्छित रूप से जिए जाना जीवन नहीं, वरन धीमी आत्महत्या है। मूर्छित रूप से जिए जाना जीवन नहीं, वरन धीमी आत्महत्या है।
गुरु/बाबा में अनेकानेक गुण हैं जिनका अनुकरण किया जा सकता है। गुरु/बाबा में अनेकानेक गुण हैं जिनका अनुकरण किया जा सकता है।