यही सोच-सोच कर वो उस लाल बत्ती के पास भीख मांगने चली जाती थी। यही सोच-सोच कर वो उस लाल बत्ती के पास भीख मांगने चली जाती थी।
अब मुझे किसी मौसम का एहसास नहीं होता, तुम आराम से सो जाओ, मेरी चिन्ता मत करो। अब मुझे किसी मौसम का एहसास नहीं होता, तुम आराम से सो जाओ, मेरी चिन्ता मत करो।
सभी शाल ले जाओ भाई, किसी को बांट देना, कम से कम शाल की अभाव में कोई माँ तो ठण्ड से बेमौत नहीं मरेगी.... सभी शाल ले जाओ भाई, किसी को बांट देना, कम से कम शाल की अभाव में कोई माँ तो ठण्ड ...
औरत का शाल ठेली के कोने में फंस कर फट गया है औरत का शाल ठेली के कोने में फंस कर फट गया है