अशोक ने यह दृश्य देखते ही उस गुब्बारेवाले को पटक कर मारना शुरू कर दिया! अशोक ने यह दृश्य देखते ही उस गुब्बारेवाले को पटक कर मारना शुरू कर दिया!
जबकि पिता जी के बैंक बैलेंस और ज़मीन मकान का हिसाब को तो श्मशान से लौटते ही होने लगा था जबकि पिता जी के बैंक बैलेंस और ज़मीन मकान का हिसाब को तो श्मशान से लौटते ही होने...
हमारे बाबू जी हमें जब गाँव ले जाते थे तो प्रत्येक दिन गाँव के लोगों से मिलने का कार्यक्रम होता था। हमारे बाबू जी हमें जब गाँव ले जाते थे तो प्रत्येक दिन गाँव के लोगों से मिलने का ...
कोई सीमा नहीं है ईश्वर के आशीष की और प्रकृति के स्नेह की, कोई सीमा नहीं है ईश्वर के आशीष की और प्रकृति के स्नेह की,
किन्तु नारी उसकी तरफ़ देखना नहीं चाहती है तो और कि अपेक्षा क्या ? किन्तु नारी उसकी तरफ़ देखना नहीं चाहती है तो और कि अपेक्षा क्या ?
बंधन समझे उससे उसको सम्मान पूर्वक मुक्त कर दिया जाए यही मानव का वास्तविक धर्म और कर्तव् बंधन समझे उससे उसको सम्मान पूर्वक मुक्त कर दिया जाए यही मानव का वास्तविक धर्म और...