नाम- *ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"* जन्म दिनांक- *26 जनवरी 1965* शिक्षा- *5 विषय में एम ए, पत्रकारिता, कहानी-कला, लेख-रचना, फ़ीचर एजेंसी का संचालन में पत्रोपाधि* व्यवसाय- *सहायक शिक्षक* लेखन- *बालकहानी, लघुकथा व कविता* संपादन- *एक संग्रह का संपादन* प्रकाशित पुस्तकें- 1- *लेखकोपयोगी सूत्र व 100... Read more
Share with friendsयह सुन कर रामू की आंख में आंसू आ गए, '' साहबजी ! मैं मजबूर हूं। मौज के लिए आप का और मेर
Submitted on 03 Mar, 2020 at 01:52 AM
पेंसिल को वक्ता बनाकर उसकी आत्मकथा बताई गयी है। कथा मुख्यतः उसके जन्म और कुछ एक नाम बदलने तक ही सीमित है।
Submitted on 19 Jun, 2019 at 16:15 PM
अब तो आप को पता चल गया है कि कंप्युटर में खराबी किसी भी वजह से आती है फिर कह देते हैं कि बग आ गया।।
Submitted on 04 May, 2019 at 11:58 AM
बेक्टो ने पहली बार ऐसा मांसपूंज देखा था| वह बंद मुट्ठी जैसा था| पूरा लाल-लाल| जैसे कोई...
Submitted on 20 Apr, 2019 at 12:47 PM
दूसरी बात, जब मैं पानी से हाइड्रोजन लेता हूं तब पानी में आक्सीजन भी होती है. इसे मैं हवा में छोड़ देता हूं. .....
Submitted on 13 Apr, 2019 at 02:50 AM
मेरी वजह से खाना स्वादिष्ट लगती है, मेरे अंदर कई स्वाद ग्रथियाँ होती है
Submitted on 28 Mar, 2019 at 16:12 PM
वाकई उस ने सुंदर सपना देखा था, वह सपने में हवा की आत्मकथा सुन रहा था।
Submitted on 20 Mar, 2019 at 10:37 AM
तो क्या उसे भी नवनीतलालजी की तरह बनना पड़ेगा।'' यह सोच कर वह अपने पुत्र को खोजी निगाहों से परखने लगा।
Submitted on 10 Dec, 2018 at 06:29 AM
सभी शाल ले जाओ भाई, किसी को बांट देना, कम से कम शाल की अभाव में कोई माँ तो ठण्ड से बेमौत नहीं मरेगी...!
Submitted on 09 Dec, 2018 at 06:57 AM
चतुर सिंह समझ गया कि कोमल सिंह को ज्यादा माल चाहिए, वह लालची है। इस कारण उस ने ज्यादा खाना भरी हुई थाली ली है..
Submitted on 16 Apr, 2018 at 12:03 PM