"गौर से सुनो, चिड़ियों का कुदरती संगीत ....बहुत दिन बाद मैंने भी सुना है।" यह कहकर वह बालकनी की तरफ... "गौर से सुनो, चिड़ियों का कुदरती संगीत ....बहुत दिन बाद मैंने भी सुना है।" यह क...
ताकि मैं आपके सामने अपने विचार और अच्छे से व्यक्त कर पाऊँ। ताकि मैं आपके सामने अपने विचार और अच्छे से व्यक्त कर पाऊँ।
अभिव्यक्ति का माध्यम सांकेतिक न होकर आलौकिक हो, तब वह प्रेम है। अभिव्यक्ति का माध्यम सांकेतिक न होकर आलौकिक हो, तब वह प्रेम है।
गाँव में न तो घूमने की स्वतंत्रता थी और न ही दक्षिणी सभ्यता पोशाक अपनाने की। गाँव में न तो घूमने की स्वतंत्रता थी और न ही दक्षिणी सभ्यता पोशाक अपनाने की।
उस वक्त वो मेरी मंजिल दूर ही नहीं बल्कि उस मंजिल तक पहुंचना असंभव महसूस होता है उस वक्त वो मेरी मंजिल दूर ही नहीं बल्कि उस मंजिल तक पहुंचना असंभव महसूस होता है