अब इस परिवार ने पिछली घटना से सीख लेते हुए ईमानदारी को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाने का अब इस परिवार ने पिछली घटना से सीख लेते हुए ईमानदारी को अपने जीवन का मूल मंत्र बन...
अमोलक जी को रितिका का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगा । अमोलक जी को रितिका का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगा ।
मैंने जैसै चाहा खेला और आज जिंदगी खिलखिलाकर हंस रही है। जिंदगी आज तेरे करीब आकर समझा मौत क्या है और ... मैंने जैसै चाहा खेला और आज जिंदगी खिलखिलाकर हंस रही है। जिंदगी आज तेरे करीब आकर ...
चलो, दूंढते हैं, मौज और कहीं। चलो, दूंढते हैं, मौज और कहीं।
अत : मेरे हिसाब से तो कुछ नहीं होगा। सब लोग मस्त रहो। मौज करो"। अत : मेरे हिसाब से तो कुछ नहीं होगा। सब लोग मस्त रहो। मौज करो"।
सुख दुःख मौज तकलीफ़ तक़रीबन सभी की ज़िन्दगी का घोर हिस्सा है! सुख दुःख मौज तकलीफ़ तक़रीबन सभी की ज़िन्दगी का घोर हिस्सा है!