एक दिन मुक्ता ने इस सपने को उसे भी सुना दिया था। एक दिन मुक्ता ने इस सपने को उसे भी सुना दिया था।
लेखक: वेरा पनोवा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास प्रस्थान से पूर्व की रात लेखक: वेरा पनोवा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास प्रस्थान से पूर्व की रात
तभी आकाश में बिजली कड़कने जैसी आवाज आई और रम्या बेहोश होकर गिर पड़ी। तभी आकाश में बिजली कड़कने जैसी आवाज आई और रम्या बेहोश होकर गिर पड़ी।
किसी और से संबंध के बाद, अन्य से विवाह को, तुम्हारी अंतरात्मा कैसे स्वीकार कर सकती है? किसी और से संबंध के बाद, अन्य से विवाह को, तुम्हारी अंतरात्मा कैसे स्वीकार कर सक...