लेखक: वेरा पनोवा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास प्रस्थान से पूर्व की रात लेखक: वेरा पनोवा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास प्रस्थान से पूर्व की रात
एक दिन वो छिनाल सब धन दौलत लेकर नौकर के साथ चम्पत हो गई, दो-तीन दिन बाद ठुलकुड़ी से बास आने लगी गांव... एक दिन वो छिनाल सब धन दौलत लेकर नौकर के साथ चम्पत हो गई, दो-तीन दिन बाद ठुलकुड़ी...