इस देश पर लानत-मलानत कैसी, जो आपको, कई कई औलादें पैदा करने की छूट देता है। इस देश पर लानत-मलानत कैसी, जो आपको, कई कई औलादें पैदा करने की छूट देता है।
माँ अपनी चोट सहलाते हुए कह रही थी," काश! ये शराब की दुकानें कभी न खुलती !" माँ अपनी चोट सहलाते हुए कह रही थी," काश! ये शराब की दुकानें कभी न खुलती !"
उनकी ही तरह अंजलि भी किसी के साथ गलत होते नहीं देख सकती थी. उनकी ही तरह अंजलि भी किसी के साथ गलत होते नहीं देख सकती थी.
विकास पहले ऐसे बिल्कुल भी नहीं थे वोवो मेरे से बहुत प्यार करते थे । विकास पहले ऐसे बिल्कुल भी नहीं थे वोवो मेरे से बहुत प्यार करते थे ।
मुझे मजबूर मत कीजिए आपकी शिकायत करने के लिए मुझे मजबूर मत कीजिए आपकी शिकायत करने के लिए