माँ के उपवास से खुद की गलती का अहसास कराती कहानी। माँ के उपवास से खुद की गलती का अहसास कराती कहानी।
दो दिन फिर मैंने, उसे लेकर, बहुत चिंतन मनन किया था, मुझे तरकीब सूझी थी। दो दिन फिर मैंने, उसे लेकर, बहुत चिंतन मनन किया था, मुझे तरकीब सूझी थी।
"तो फिर आज के लिए इतना ही। धन्यवाद।" "धन्यवाद,चाचाजी।" "तो फिर आज के लिए इतना ही। धन्यवाद।" "धन्यवाद,चाचाजी।"
संदली के सिर पर हाथ फेरते हुए जानकी ने कहा, "बेटी तुम जवाब जानती हो !" संदली के सिर पर हाथ फेरते हुए जानकी ने कहा, "बेटी तुम जवाब जानती हो !"
3 घंटे पूरे हुए परीक्षा भी खत्म हुई और मैं सोचने पर मजबूर हो गयी कि कौन सिखाता है इन भो 3 घंटे पूरे हुए परीक्षा भी खत्म हुई और मैं सोचने पर मजबूर हो गयी कि कौन सिखाता ह...
मेरी बिरादरी में उसके योग्य कोई लड़की हो तो बताना।" मेरी बिरादरी में उसके योग्य कोई लड़की हो तो बताना।"