दो दिन फिर मैंने, उसे लेकर, बहुत चिंतन मनन किया था, मुझे तरकीब सूझी थी। दो दिन फिर मैंने, उसे लेकर, बहुत चिंतन मनन किया था, मुझे तरकीब सूझी थी।
दौड़कर नियति ने अपने दो दुपट्टे लिए, एक एक कर दोनों हाथों में कसकर बाँधे। दौड़कर नियति ने अपने दो दुपट्टे लिए, एक एक कर दोनों हाथों में कसकर बाँधे।