चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं। चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं।
आस-पास खड़े लोगों से कहने लगा "वो देखो वहां भूत है वहां भूत है।" आस-पास खड़े लोगों से कहने लगा "वो देखो वहां भूत है वहां भूत है।"
ये उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद्र जी की हैं ये उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद्र जी की हैं
यात्रियों की आंधी ब्रीज पर लेफ्ट-राइट करते हुए फस्ट पोजीशन के लिए उछल-कूद मचाने लगे. यात्रियों की आंधी ब्रीज पर लेफ्ट-राइट करते हुए फस्ट पोजीशन के लिए उछल-कूद मचाने ...
क्या पता एक मेटल अपनी जीवनी कब किसके सामने रख दे, कहा नहीं जा सकता। क्या पता एक मेटल अपनी जीवनी कब किसके सामने रख दे, कहा नहीं जा सकता।
देवतागणों को अपयश से बचाने हेतु भी यही तो प्रेरणास्रोत हैं हमारे समाज में ! देवतागणों को अपयश से बचाने हेतु भी यही तो प्रेरणास्रोत हैं हमारे समाज में !