उस दिन अगर वो भी अपने बहते मन के नीचे सब्र की परात लगा लेती। उस दिन अगर वो भी अपने बहते मन के नीचे सब्र की परात लगा लेती।
जीवन रूपी लौ भी निर्विघ्न तभी चल पाएगी जब तजुर्बा रूपी पिघला घी हो। जीवन रूपी लौ भी निर्विघ्न तभी चल पाएगी जब तजुर्बा रूपी पिघला घी हो।
अब टुन्ना दूसरे हाथ से अपना टूटा हाथ पकड़े हुए खड़ा रहा भीगी बिल्ली की तरह। अब टुन्ना दूसरे हाथ से अपना टूटा हाथ पकड़े हुए खड़ा रहा भीगी बिल्ली की तरह।
अचानक दो आदमियों ने उसे दबोच कर कार में डाल दिया और किसी अज्ञात स्थल की ओर ले चले। सव्यसाची को पीछे ... अचानक दो आदमियों ने उसे दबोच कर कार में डाल दिया और किसी अज्ञात स्थल की ओर ले चल...
उसे अपनी माँ की उनके हाथ की रोटियों की बहुत याद आती उसे अपनी माँ की उनके हाथ की रोटियों की बहुत याद आती