तभी वह आतंकियों के द्वारा बैंक में जाकर गोलियाँ बरसाने की खबर से चौंक गयी। तभी वह आतंकियों के द्वारा बैंक में जाकर गोलियाँ बरसाने की खबर से चौंक गयी।
वह मन की मन सोचती घर से अलग होकर उसे कौन सा सुख मिल गया वह मन की मन सोचती घर से अलग होकर उसे कौन सा सुख मिल गया
अब सासु मां के ना रहने पर रजनी को ही सारी दुनियादारी निभानी थी। अब सासु मां के ना रहने पर रजनी को ही सारी दुनियादारी निभानी थी।
उसके माँ बाप दिन रात उसकी एक झलक देखने के लिए बस इंतजार किया करते थे ! उसके माँ बाप दिन रात उसकी एक झलक देखने के लिए बस इंतजार किया करते थे !
देहरी पर इंतज़ार करती एक जोड़ी बूढ़ी आखें उसका जिसे कभी खुद खुद से दूर किया था ,और दुखद ये कि किसी को ... देहरी पर इंतज़ार करती एक जोड़ी बूढ़ी आखें उसका जिसे कभी खुद खुद से दूर किया था ,और...
पति की बात को अनसुना कर के सुमनदेवी बोलती रही "तुम चुप करो जी ! अरे, जिम्मेदार बहू का स्वभाव लचीला ह... पति की बात को अनसुना कर के सुमनदेवी बोलती रही "तुम चुप करो जी ! अरे, जिम्मेदार ब...