पति की बात को अनसुना कर के सुमनदेवी बोलती रही "तुम चुप करो जी ! अरे, जिम्मेदार बहू का स्वभाव लचीला ह... पति की बात को अनसुना कर के सुमनदेवी बोलती रही "तुम चुप करो जी ! अरे, जिम्मेदार ब...
पहले हफ़्ते की हफ़्ते आता था, आते ही लिपट जाता था मुझसे जैसे तड़प गया हो कुछ दिन की दूरी में .... पहले हफ़्ते की हफ़्ते आता था, आते ही लिपट जाता था मुझसे जैसे तड़प गया हो कुछ दिन की...
शीतल झोंकों के साथ बहती स्वर लहरियों ने पूरे वातावरण को मखमली कोमलता के संग निश्चिंतता के आवरण में ढ... शीतल झोंकों के साथ बहती स्वर लहरियों ने पूरे वातावरण को मखमली कोमलता के संग निश्...
ताज़े मीठे दरिया की मछली की तरह उन्मुक्त तैर रही है। ताज़े मीठे दरिया की मछली की तरह उन्मुक्त तैर रही है।
गाड़ी से उतरकर एक दूजे साथ और एक-दूजे के पीछे-पीछे चले जा रहे थे। गाड़ी से उतरकर एक दूजे साथ और एक-दूजे के पीछे-पीछे चले जा रहे थे।
अपने आंचल में मिले दूब को ही मैंने गमले में लगाया है जिया। यह मेरे लिए बहुत खास है। तु अपने आंचल में मिले दूब को ही मैंने गमले में लगाया है जिया। यह मेरे लिए बहुत खास ...