वो भी अब मेरे साथ ही चल रही थी। मेरे साथ मेरे प्यार के सफर पर। वो भी अब मेरे साथ ही चल रही थी। मेरे साथ मेरे प्यार के सफर पर।
तुम्हारे लिये बुना है सबसे छुप कर" उस दिन पता चला कि वो मुझे प्यार करती थी। तुम्हारे लिये बुना है सबसे छुप कर" उस दिन पता चला कि वो मुझे प्यार करती थी।
चारों तरफ के सौंदर्य को देखती बिजली सी दृष्टि को पलकों के परदे से नीचे कर दिया। चारों तरफ के सौंदर्य को देखती बिजली सी दृष्टि को पलकों के परदे से नीचे कर दिया।
मेरे दादा जी अपनी तरह के इन्सान थे. माइनस सत्तर डिग्री तापमान, हर ज़िंदा चीज़ अपने-अपने बिल में छुपी... मेरे दादा जी अपनी तरह के इन्सान थे. माइनस सत्तर डिग्री तापमान, हर ज़िंदा चीज़ अप...
आमने सामने बैठकर, चाय की चुस्कियों के बीच, आँखों में झांकते हुए जो गर्माहट फीलिंग्स वाली बातें होती ... आमने सामने बैठकर, चाय की चुस्कियों के बीच, आँखों में झांकते हुए जो गर्माहट फीलिं...